हाईकोर्ट की ओर से बुधवार को निर्भया के दोषियों को फांसी के खिलाफ सभी कानूनी उपायों के एक सप्ताह में उपयोग के अल्टीमेटम पर निर्भया की मां ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि दोषी कानूनी विकल्पों का जान-बुझकर उपयोग न करके उनका इस्तेमाल कर हर बार फांसी की तारीख को टलवा रहे थे।
अब सभी दोषियों को अपने बाकी कानूनी उपायों के तहत याचिकाएं एक हफ्ते के भीतर ही दाखिल करनी होंगी। इसके बाद उनके पास फांसी को टलवाने का कोई विकल्प नहीं बचेगा और गुनाह की सजा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि अब निर्भया के सभी दोषियों के पास एक सीमित समय है। इसके बाद उन्हें जल्द ही फांसी मिलेगी और उनकी बेटी को न्याय मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। पूरी उम्मीद है कि दोषी अब फांसी को नहीं टलवा पाएंगे। उन्होंने बेटी का न्याय दिलाने के लिए सात साल लड़ाई लड़ी है। यह उनकी लड़ाई का आखिरी दौर है। हाईकोर्ट ने दोषियों की ओर से फांसी में देरी के लिए प्रयोग किए जा रहे पैंतरों को समझ लिया है।
निर्भया के दोषी मुकेश और विनय के सभी कानूनी उपाय अब समाप्त हो चुके हैं। अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। दोषी पवन के पास क्यूरेटिव और दया याचिका दायर करने के विकल्प हैं।
नियमों के अनुसार, अगर किसी दोषी की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज होती है तो उसे 14 दिन का समय दया याचिका दायर करने के लिए मिलता है। इसके बाद अगर दोषी दया याचिका दायर करता है और वह भी खारिज होती है तो भी उसे फांसी पर लटकाने से पहले 14 दिन का समय दिया जाता है।