चंपावत के 13 लोग दिल्ली में फंसे, रहने-खाने की भी हो रही परेशानी
दिल्ली में होटलों में काम करने वाले चंपावत में बनबसा के मझगांव देवीपुरा के करीब 13 लोग पिछले चार दिन से दिल्ली में फंसे हैं। इनके सम्मुख खाने पीने की समस्या पैदा हो गई है। किराए पर रहने वाले इन लोगों को मकान मालिक ने मकान खाली करने को कह दिया है।
 

इन लोगों में दीपक कुमार, हिमांशु कुमार, हरीश राम, अमर राम, केशव राम, कमल टम्टा, संजय कुमार दिल्ली के महिपालपुर और अर्जुन कुमार, कविता देवी, साक्षी, यश कुमार, पुष्कर कुमार, भुवन कुमार करोलबाग में फंसे हैं। दीपक कुमार ने दूरभाष पर अमर उजाला को बताया कि उनके सम्मुख खाने पीने की समस्या पैदा हो गई है। सभी के मकान मालिक भी उन्हें मकान खाली करने को कह रहे हैं।

बताया कि लॉकडाउन के तहत होटलों के बंद होने से उनके सामने रहने और खाने की समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से उन्हें घरों तक पहुंचाने की गुहार लगाई है। इधर मझगांव देवीपुरा की पूर्व प्रधान माला देवी, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार, ग्रामीण श्याम लाल, मोहन लाल एवं मीना देवी ने जिला प्रशासन से उक्त लोगों को घरों तक लाने की व्यवस्था करने की मांग उठाई है।


सीमा सुरक्षा में 106 वन कर्मी तैनात



लॉकडाउन के चलते वन विभाग ने यूपी से लगी सीमा पर 106 वनकर्मी तैनात कर दिए हैं। साथ ही वन्य जीवों और शहर में असहाय पशुओं की भी सुरक्षा वन विभाग करेगा। इस संबंध में प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने सभी क्षेत्रीय प्रमुख वन संरक्षक, प्रभागीय वनाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं।

वन अधिकारियों का मानना है कि शहर और गांवों में घूम रहे आवारा, लावारिस कुत्ते समूह में छोटे जीवों जैसे गिलहरी और पक्षियों का शिकार कर सकते हैं। साथ ही असहाय गायों को भी उनसे खतरा है। उनकी सुरक्षा और जरूरत पड़ने पर उनके भोजन की व्यवस्था वनकर्मी करेंगे।

चिड़ियाघरों, रेस्क्यू सेंटर या जिन जगहों पर भी वन्य जीवों को रखा गया है, उनके भोजन की व्यवस्था वन विभाग को करनी होगी। वनाग्नि की घटनाओं को भी वन कर्मी रोकेंगे। इसके अलावा वन भूमि पर अतिक्रमण और अवैध खनन करने वालों पर भी नजर रखेंगे। कोरोना वायरस से वन कर्मियों को बचाने के लिए विभाग के सभी बैरियरों, वन विश्राम गृहों को भी सैनिटाइज करने के निर्देश दिए हैं।

जंगल के आंतरिक मार्ग भी सील
लॉक डाउन के दौरान लोग जंगलों में जाकर वन्य जीवों को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचा सकें, इसके लिए वन विभाग ने जंगल के आंतरिक मार्गों को भी सील किया है। साथ ही ग्रामीणों के भी उन रास्तों पर जाने को प्रतिबंधित किया है।

तराई केंद्रीय के 106 वन कर्मियों को ऊधमसिंह नगर से लगी यूपी की सीमाओं पर तैनात किया गया है। लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड से लगी यूपी की सीमाओं को सील किया गया है।
- नीतीश मणि त्रिपाठी, प्रभागीय वनाधिकारी, तराई पूर्वी वन प्रभाग